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अश्वगंधा

Updated: Dec 22, 2020

अश्वगंधा कई बीमारियों के लिए है रामबाण, जानिए क्या हैं इसके फायदे





अश्वगंधा प्राचीन काल से आयुर्वेद में उपचार होने वाली एक कारगर औषधि है। हजारों सालों से इसका इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसमें सेहत के लिए कई छोटे-बड़े गुण छिपे हुए हैं।


अश्वगंधा में फ्लेवोनॉइड और एंटीऑक्सीडेंट आदि कई लाभकारी तत्व हैं। इसके अलावा यह मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल ट्रांसमिशन में सुधार लाने में मदद करता है। अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने में भी मदद कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति को यौन शक्ति की कमजोरी हो गई है तो उनके लिए अश्वगंधा रामबाण है। अश्वगंधा यौन शक्ति बढ़ाने में भी मदद करता है और इसके सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है। तो आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं कि इसका सेवन से क्या-क्या लाभ मिलता है।


कोलेस्ट्रॉल कम करने में होता है मददगार


अश्वगंधा का सेवन करने से दिल संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं। इसका सेवन से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है।





डायबिटीज के खतरे को करता है कम



आज लोग डायबिटीज से धीरे-धीरे ग्रसित होते जा रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज सिर्फ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी से संभव हो सकता है। अश्वगंधा के सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।





लिवर रोगों से करता है बचाव



अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण लिवर में होने वाली सूजन की समस्या दूर करने में सहायक होता है। यह सूजन कम करता है। अगर रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो काफी फायदेमंद होगा। यह फैटी लिवर की समस्या को भी कम करता है। इसका सेवन करने से लिवर को हानिकारक टॉक्सिन्स के बुरे असर से बचाव करता है और लिवर को डिटॉक्स भी करता है।



कैंसर से करता है बचाव


अश्वगंधा का इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए किया जाता है। इसमें खतरनाक और नाम सुनते ही रूह कांप जाने वाली कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी शामिल हैं। अश्वगंधा का सेवन करने से इस घातक बीमारी से भी बचा जा सकता हैं। इसमें मौजूद एंटी-ट्यूमर गुण वैकल्पिक उपचार के लिए काफी अच्छा माना जाता है।






यौन क्षमता में वृद्धि



कई पुरुषों में यौन इच्छा कम होती है और वीर्य की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती। इस कारण वो संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में अश्वगंधा जैसी शक्तिवर्धक औषधि पुरुषों में यौन क्षमता को बेहतर कर वीर्य की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। 2010 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा का प्रयोग करने से वीर्य की गुणवत्ता के साथ-साथ उसकी संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। यह शोध स्ट्रेस (ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, केमिकल स्ट्रेस व मानसिक तनाव) के कारण कम हुई प्रजनन क्षमता पर किया गया है।


अगर आप इच्छा की कमी, वीर्य में कमी, शीघ्रपतन जैसी समस्याओं से परेशान पुरुष हैं तो अश्वगंधा का सेवन अवश्य करें। इसमें एक ऐसी शक्तिवर्धक औषधि मौजूद है, जो पुरुषों में यौन क्षमता को दुरुस्त करने में मददगार होता है।


तनाव घटाने में करता है मदद



आजकल ज्यादातर इंसान तनाव जैसी समस्या से जूझ रहे हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। यदि किसी कारणवश तनाव, चिंता, मानसिक समस्या है, तो अश्वगंधा का सेवन जरूर करना चाहिए। इसमें मौजूद औषधीय गुण तनाव दूर करने में काफी मदद करता है। अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण तनाव से राहत दिलाता है।







नींद ना आने की समस्या को करता है दूर



यदि रात में सोते समय बिस्तर पर करवट बदलते रहते हैं इसका मतलब है कि आपको अच्छी नींद नहीं आती है। ऐसे में अश्वगंधा का सेवन इस समस्या के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक बताया गया है कि अश्वगंधा की पत्तियों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल नाम का यौगिक मौजूद होता है, जो पर्याप्त और सुकून भरी नींद लेने में सहयोग करता है।



अश्वगंधा के सेवन करने के तरीके


1. 3 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में 3 ग्राम मिश्री, 3 ग्राम घी और दूध मिलाकर नियमित सेवन करने से तनाव एवं अनिंद्रा आदि रोगों से मुक्ति मिलती है। इससे व्यक्ति की शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और वो हृष्ट-पुष्ट एवं स्वस्थ बनता है।


2. छोटे बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए रोजाना एक कप दूध में अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर देने से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।


3. अश्वगंधा चूर्ण में सोंठ समान मात्रा में मिलाकर, इसका रोजाना सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से कमर एवं जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है।


4. अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय रोग से राहत दिलाने में काफी मददगार साबित होते हैं। यदि नियमित रूप से अश्वगंधा चूर्ण को मिश्री एवं शहद मिले हुए दूध के साथ लिया जाए, तो मधुमेह रोगियों में और मोतियाबिंद के उपचार में सहायक होता है।


5. आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अश्वगंधा चूर्ण, आंवला और मुलेठी को पीसकर इस चूर्ण का सेवन नियमित रूप से सोने से पहले गाय के दूध के साथ करें।


ध्यान रखें: अश्वगंधा का सेवन सीमित मात्रा में ही करें। अत्यधिक सेवन से न सिर्फ उल्टियां हो सकती हैं बल्कि पेट गड़बड़ हो सकता है। लो ब्लड प्रेशर वाले लोग इसे न खाएं। नींद न आने पर अश्वगंधा का इस्तेमाल कुछ हद तक सही है, लेकिन नींद बुलाने के लिए इसका नियमित सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है।


गृहस्थ द्वारा तैयार किया गया शुद्ध अश्वगंधा चूर्ण उपलब्ध है।


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